Saturday, September 1, 2012

मत छेड़ो पाकिस्तानी मुल्लों हमकोछोटे मोटे दंगो से | बाप तुम्हारे बने भेड़िये, कासिम,गोरी के गोरखधंधों से || औकात तुम्हारी कुछ ना होती जिन्ना गांधी जो ना होते | सड़कों पर तुम भीख मांगते राम लल्ला के हम बन्दों से || कश्मीर का ख्वाब ऐसा जैसे बिल्ली के ख्वाबो में छिचड़े आते है | कराची , लाहोर भी एक दिन छिनेगे हमतुम सूअरों के पिल्लो से || आतंक का व्यापार हो करते तुम चोरीचोरी चुपके चुपके | सामने आकर लड़ने से क्यों डरते हो तुम हम भारत माँ के बच्चो से || अल्लाह भी तुम्हारा बचा ना पायेगा जब हम अपनी पर आ जायेगे | राम राम चिल्लाओगे तुम सूअर पाकिस्तानी मस्जिदों के गुम्बद से || बांग्लादेश अलग कराया अब बलूचिस्तान की बारी है | कुछ ना उखड़ा कुछ ना उखड़ेगा तुम जिन्ना के नाजायज दल्लों से || मत छेड़ो पाकिस्तानी मुल्लों हमकोछोटे मोटे दंगो से | बाप तुम्हारे बने भेड़िये, कासिम,गोरी के गोरखधंधों से ||

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